हिंदू धर्म में यह माना जाता है कि चाहे सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण, भोजन नहीं करना चाहिए। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो सूर्य ग्रहण के समय वातावरण में आने वाली अल्ट्रा वायलेट किरणें भोजन को खराब कर देती हैं। इसलिए पका हुआ खाना खाने की सलाह दी जाती है।
ग्रहण के बाद क्यों नहा कर खाना चाहिए
ग्रहण के बाद स्नान कर भोजन करने को कहा जाता है। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि ग्रहण के दौरान वातावरण में मौजूद बैक्टीरिया आपके शरीर में चिपक जाते हैं। जब आप नहाते हैं तो वो बैक्टीरिया आपके शरीर से निकल जाते हैं।
ग्रहण के समय बचे हुए खाने में क्यों कुश या तुलसी के पत्ते रखना चाहिए
आपने हमेशा अपनी दादी-नानी के मुंह से सुना होगा कि सूर्य ग्रहण है, कुछ भी न खाएं। ग्रहण के समय भोजन, दही, चटनी, अचार आदि में कुश लगाया जाता है। लोगों का मानना है कि ऐसा करने से भोजन दूषित नहीं होता है। अगर आपके पास कुश नहीं है तो आप पके हुए खाने में तुलसी के पत्ते भी डाल सकते हैं। जब ग्रहण समाप्त हो जाए तो उसे निकाल कर फेंक दें।