केरल के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान एक बार फिर नाराज नजर आए। दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए खान ने केरल सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को चलाने का काम कुलाधिपति का होता है जबकि सरकार चलाने का काम चुनी हुई सरकार का होता है। मुझे एक उदाहरण दें जहां मैंने सरकार के कामकाज में दखल देने की कोशिश की, मैं उसी क्षण इस्तीफा दे दूंगा। मैं आपको ऐसे हजारों उदाहरण दे सकता हूं जहां उन्होंने रोजाना विश्वविद्यालयों के कामकाज में दखल दिया है। मुझे लगता है कि आपके पास यह निष्कर्ष निकालने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि मैं उस तरह का व्यक्ति नहीं हूं जो दबाव झेल सके।
राज्यपाल ने कहा कि आप इस मुद्दे को क्यों नहीं उठाते कि पिछले साल तक केरल में 13 विश्वविद्यालय थे और सभी नियुक्तियां अवैध हैं? क्या कोई और राज्य है जहां कानून का उल्लंघन कर 100% नियुक्तियां की गई हैं? विश्वविद्यालय पार्टी कार्यकर्ताओं और उनके रिश्तेदारों की जागीर बन गए हैं।
दरअसल, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमों के विपरीत सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के मद्देनजर राज्य के नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से 24 अक्टूबर तक इस्तीफा देने को कहा था।राज्यपाल के इस आदेश के बाद केरल सरकार ने राजभवन के बाहर प्रदर्शन करने की धमकी दी थी।जिसके बाद राज्यपाल और भड़क गए।
आपको बता दें कि केरल सरकार राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के पद से हटाने की तैयारी कर रही है।सरकार इसे लेकर अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है। इसको लेकर राज्यपाल ने कहा है कि यदि उनके अधिकारों को लेकर सीपीएम सरकार की ओर से कोई अध्यादेश भेजा गया है तो वह उस पर फैसला नहीं सुनाएंगे और राष्ट्रपति को भेजेंगे।शनिवार को दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उन्हें अभी अध्यादेश देखना और पढ़ना है, इसके बाद ही वह कोई फैसला लेंगे।