रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम करने के लिए करें गिलोय के काढे का सेवन

Arti Jha
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ठंड का मौसम दस्तक देने लगा है।सर्दी के मौसम में अत्यधिक ठंड के कारण अक्सर लोगों के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है। इस दौरान कई मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में इस दौरान खुद को तमाम बीमारियों से दूर रखने के लिए आप इस जादुई पत्ते के काढ़े का सेवन कर सकते हैं.  जी हां हम बात कर रहे हैं गिलोय के काढ़े की! यह आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। गिलोय के पत्तों का काढ़ा आपको सर्दी, जुकाम, बुखार और फ्लू जैसी बीमारियों से दूर रखता है और साथ ही कई संक्रामक रोगों को अपने पास नहीं आने देता।

  गिलोय का काढ़ा बनाने की विधि

  • गिलोय का काढ़ा बनाने के लिए गिलोय का 1 फुट लंबा तना लें।
  • 5 से 6 नीम के पत्ते, 10 से 12 तुलसी के पत्ते और काले गुड़ की भी जरूरत पड़ेगी।  
  • सबसे पहले गिलोय के टुकड़ों को काट कर 4 से 5 कप पानी डालकर उबाल लें।
  • इसके बाद इसमें नीम के पत्ते, तुलसी के पत्ते और काला गुड़ डालकर गर्म करें। 
  • जब पानी आधा रह जाए तो इसे छानकर रोगी को पिला दें।

आपको बता दें कि डेंगू और चिकनगुनिया समेत कई गंभीर बीमारियों में इसका काढ़ा काफी कारगर साबित होता है। यह मौसमी वायरल के खिलाफ भी अपना प्रभाव दिखाता है।इसके काढ़े का सेवन करने से सर्दी, खांसी और गले की खराश में आराम मिलता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और संक्रामक रोगों के जोखिम को कम करता है।

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