भारत समेत दुनिया भर के निजी संस्थानों ने वर्क फ्रॉम होम के जरिए कर्मचारियों से काम लिया है।अभी भी कई ऐसी कंपनियां हैं, जिन्होंने अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी है।ऐसे में घरों में कैद होकर काम करने को मजबूर लोगों के लिए यह आसान नहीं है ।बोरियत और अकेलापन ऐसे लोगों की मुश्किलें बढ़ा सकता है।
अगर आप घर में 8-9 घंटे तक कुर्सी पर बैठकर मेहनत कर रहे हैं और कोई शारीरिक गतिविधि नहीं कर रहे हैं तो आज ही इस खराब रूटीन को सुधार लें।शिफ्ट शुरू होने से पहले और बाद में पास के बगीचे या पार्क में टहलें।
तनाव दूर करने के लिए संगीत को एक बेहतरीन थेरेपी माना जाता है। अगर आप काम के बीच में बोरिंग महसूस कर रहे हैं तो बेझिझक अपना पसंदीदा गाना सुनें। इससे आपको अच्छा महसूस होगा और तनाव की समस्या भी नहीं होगी।
वर्क फ्रॉम होम में काम के बाद अगर आपके पास खाली समय बचा है और आप उस समय का सदुपयोग करना चाहते हैं तो कुछ अच्छी आदतों पर काम किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, शिफ्ट के बीच में कुछ समय निकालकर आप योग, बॉडी स्ट्रेचिंग या नई भाषा सीखने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और घर में रहकर काम करना उसके पूरे सोशल नेटवर्क को बर्बाद कर सकता है। ऐसे में घर में कैद लोग स्काइप, जूम या व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल के जरिए दोस्तों और रिश्तेदारों से जुड़ें। यह आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा रहेगा। शाम को शिफ्ट खत्म होने के बाद योजना के तहत कुछ खास काम किए जा सकते हैं। उदाहरण के लिए आप बच्चों के साथ कुकिंग, पेंटिंग, गेमिंग का मजा भी ले सकते हैं।