पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वह प. बंगाल में ईडी और सीबीआई की सक्रियता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज़िम्मेदार ठहराने के लिए तैयार नहीं है.
सोमवार को विधानसभा में उन्होंने कहा कि सीबीआई अब प्रधानमंत्री दफ्तर के अधीन नहीं है. यह गृह मंत्रालय के अधीन है.
मुख्यमंत्री ने कहा, “कोलकाता में ईडी ने 21 ठिकानों पर छापेमारी की है. एक महीने में ईडी और सीबीआई ने 108 मामले दर्ज किए हैं. मुझे भरोसा नहीं है कि नरेंद्र मोदी ऐसा कर रहे हैं.”
उन्होंने नाम नहीं लिए बिना इसके लिए गृह मंत्री अमित शाह और विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को ज़िम्मेदार ठहराया. इससे पहले राज्य में ईडी और सीबीआई की अतिसक्रियता के विरोध में सदन में एक निंदा प्रस्ताव पारित किया गया.
मुख्यमंत्री ने साफ़ किया कि उनको सीबीआई की जांच पर आपत्ति नहीं है. लेकिन यह जांच निष्पक्ष होनी चाहिए.
उन्होंने कहा, ”मैं सीबीआई को खराब नहीं मानती. वह तटस्थ होकर जांच करे. लेकिन बंगाल में केंद्रीय एजेंसियों की सक्रियता के पीछे केंद्र और स्थानीय भाजपा नेताओं की योजना के तहत ही बंगाल में केंद्रीय एजेंसियां अति सक्रियता दिखा रही हैं.”
हाल में नई दिल्ली में प्रधानमंत्री के साथ ममता की मुलाकात के बाद विपक्षी दलों ने ‘मोदी-दीदी’ सेटिंग का आरोप लगाते हुए ममता पर हमले किए हैं. अब सोमवार को मोदी के प्रति ममता के सुर में नरमी के बाद इस आरोप को और बल मिलने का अंदेशा है.