गुजरात में आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ गया है।राजनीतिक दल अपनी रणनीति विधानसभा के हिसाब से बना रहे हैं और लोगों को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में आज हम आपको मणिनगर विधानसभा सीट के बारे में बताने जा रहे हैं।यह सीट राज्य की हॉट सीटों में प्रमुख रही है। जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि इस सीट पर बीजेपी की जीत होगी।
गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके है और वर्तमान में पीएम नरेंद्र मोदी का निर्वाचन क्षेत्र है। जिसका खूब विकास भी हुआ। कहा जाता है कि जब मोदी मणिनगर से विधायक बने तो इलाके में कई मुश्किलें और चुनौतियां थीं।स्वास्थ्य सुविधाएं अच्छी नहीं थीं। अच्छे स्कूल और कॉलेज अच्छे नहीं थे। कपड़ा मिलों के बंद होने के बाद रोजगार के कोई साधन नहीं थे। यहां तक कि परिवहन सुविधाओं की भी बहुत दयनीय स्थिति थी। ऐतिहासिक कांकरिया झील के किनारे गंदगी का ढेर लगा हुआ था। ऐसे में मोदी ने मणिनगर के लिए अपनी प्राथमिकताएं तय कीं. जिसके बाद विकास कार्यों के बाद से बीजेपी लगातार मणिनगर सीट जीती है।
इस सीट पर ओबीसी, दलित और मुस्लिम वोटरों के साथ वाणिक, पाटीदार, ब्राह्मण समेत आम समुदायों के वोटर हैं. जिसमें 20 प्रतिशत पिछड़ी जाति के मतदाता अहम भूमिका निभाते हैं।
मणिनगर विधानसभा सीट पिछले तीन चुनावों से नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र का पर्याय बन गई है. जब वे प्रधानमंत्री बने तब भी यह सीट भाजपा के कब्जे में रही। हालांकि इस बार चुनाव में अन्य पार्टियों की एंट्री के बार देखना होगा कि नो -रिपीट थ्योरी को अपनाकर नए उम्मीदवार को टिकट दिया जाएगा या नहीं ।
2017 के चुनावों में, भाजपा के सुरेशभाई धनजीभाई पटेल ने लगभग 80,000 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। कांग्रेस की श्वेताबेन नरेंद्रभाई ब्रह्मभट को 40 हजार 914 वोट मिले जबकि सुरेशभाई को 1 लाख 16 हजार 113 वोट मिले। मणिनगर से 2 निर्दलीय समेत कुल 7 उम्मीदवार मैदान में थे।
गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 के लिहाज से मणिनगर भाजपा के लिए सबसे महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र था। क्योंकि यह वही क्षेत्र है जहां से नरेंद्र मोदी अपने गुजरात प्रवास के दौरान उम्मीदवार हुआ करते थे। मणिनगर विधानसभा क्षेत्र पूरी तरह से शहरी क्षेत्र में है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए यहां मुकाबला सम्मान बनाए रखने का था। यहां हुए 2014 के विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार सुरेश पटेल ने जीत हासिल की थी। सुरेश को 67,689 वोट मिले जबकि कांग्रेस के विजय जैन जतिन को 18,037 वोट मिले।
यह वही निर्वाचन क्षेत्र है जहां से नरेंद्र मोदी ने 2002, 2007 और 2012 के चुनाव जीते थे, सुरेश ने 2014 में प्रधान मंत्री बनने के बाद पद से इस्तीफा देने के बाद उपचुनावों में 49,652 वोटों से जीत हासिल की थी। वर्ष 2017 में बीजेपी ने जीत हासिल की थी।