डॉ. दिव्यज्योति सैकिया अंतर्राष्ट्रीय विश्व संवैधानिक संसदीय पुरस्कार से सम्मानित

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महाराष्ट्र, मुंबई : असम के राष्ट्रीय स्तर के मानवाधिकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. दिव्यज्योति सैकिया को अंतर्राष्ट्रीय विश्व संवैधानिक संसदीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सिद्धि के समीप श्रीरामपुर में आयोजित एक संक्षिप्त कार्यक्रम में विश्व संवैधानिक सांसद संघ के वैश्विक अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. ग्लेन टी. मार्टिन ने उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार, मानवता और शांति के लिए पिछले 24 वर्षों में मानव समाज के लिए उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए डॉ. सैकिया को पुरस्कार प्रदान किया गया है। पुरस्कार के तहत उन्हें स्मारक प्रमाण पत्र एवं पुस्तकें प्रदान की गई। मार्टिन ने युद्ध से संबंधित वक्तव्य रखा। अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने के बाद डॉ. दिव्यज्योति सैकिया ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने विश्व के विभिन्न छोटे देशों की भाषाओं को मान्यता दी है, लेकिन विश्व के विभिन्न देशों में हिन्दी बोली जाने के बावजूद हिन्दी को मान्यता नहीं दी गयी है।
उन्होंने कहा कि दुनिया के अन्य देशों के साथ-साथ भारत में भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि परमाणु मिसाइल, बम, युद्ध आदि आधुनिक सभ्य दुनिया के लिए उपयुक्त नहीं हैं। पिछले 24 साल से मानव जाति की विभिन्न सेवा के साथ कोविड काल में उल्लेखनीय कार्यों के अलावा असम एवं विभिन्न प्रांत में उन्होंने पुलिस के फर्जी मुठभेड़ को लेकर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में मामला भी दर्ज कराया है। उनके मामले की संज्ञान की वजह से ऐसे मामले पर रोक लगी है। उल्लेखनीय है कि डॉ. दिव्यज्योति सैकिया को पहले ही 116 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। वह राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ असम में भी अंधविश्वास, जादू-टोना और नशीली दवाओं के खिलाफ जागरूकता अभियान चला रहे हैं। वह कई पीड़ितों का इलाज कर रहे हैं और कई परिवारों की विभिन्न तरीकों से मदद कर रहे हैं।

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