दिवाली का त्योहार हर साल कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। इस पर्व का अलग ही आनंद और उल्लास पूरे भारत में देखने को मिलता है। इस दिन पूरा देश रोशनी से जगमगा उठता है। हिंदू धर्म में दिवाली को सुख-समृद्धि का त्योहार माना जाता है। यह एक धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी अपने भक्तों के घर जाती हैं और उन्हें धन का आशीर्वाद देती हैं। यह भी कहा जाता है कि दिवाली के दिन भगवान श्री राम लंकापति रावण को जीतकर अयोध्या लौटे थे। 14 साल का वनवास पूरा कर भगवान राम के अयोध्या लौटने की खुशी में लोगों ने पूरी अयोध्या को रोशनी से सजाया। तभी से पूरे देश में दिवाली मनाई जाती है। इस दिन लोग दीप जलाकर खुशियां मनाते हैं। तो आइए जानते हैं कब है इस साल दिवाली का शुभ मुहूर्त और क्या है।
दीपावली का शुभ मुहूर्त कब है?
इस वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या 24 और 25 अक्टूबर दोनों को पड़ रही है। लेकिन 25 अक्टूबर को प्रदोष काल से पहले अमावस्या तिथि समाप्त हो रही है। वहीं 24 अक्टूबर को प्रदोष काल में अमावस्या तिथि होगी. 24 अक्टूबर को निर्धारित अवधि में भी अमावस्या तिथि रहेगी। इसलिए इस साल 24 अक्टूबर को पूरे देश में दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा।
दीपावली पर लक्ष्मी-गणेश पूजन विधि
दिवाली के दिन शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी-गणेश की पूजा की जाती है। सबसे पहले कलश पर तिलक लगाकर पूजा शुरू करें। इसके बाद हाथ में फूल और चावल लेकर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का ध्यान करें।
ध्यान के बाद भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की मूर्तियों को फूल और अक्षत चढ़ाएं। फिर दोनों मूर्तियों को खम्भे से उठाकर एक थाली में रख दें और दूध, दही, शहद, तुलसी और गंगाजल के मिश्रण से स्नान करें। इसके बाद साफ पानी से नहा लें और वापस आसन पर बैठ जाएं।
स्नान करने के बाद लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति पर टीका लगाएं। माता लक्ष्मी और गणेश जी को हार पहनाएं। इसके बाद लक्ष्मी गणेश जी के सामने मिठाई, फल, धन और सोने के आभूषण रखें। फिर पूरा परिवार मिलकर गणेश जी और लक्ष्मी माता की कथा सुनता है और फिर मां लक्ष्मी की आरती करता है।